लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012
अर्थात
पाक्सो में देश का पहला दंडादेश :
अपराधी को मृत्युदंड
19 अक्टूबर २०१३ को जमुई जिला के सत्र न्यायालय ने चंद्रमंडी थाना काण्ड संख्या 70/2013 दिनांक २४ अगस्त २०१३ धारा ३७६/३०२ भारतीय दंड संहिता में अभियुक्त हेमलाल साह को मृत्युदंड की सज़ा सुनाई है.
इस दंडादेश के बाद बिहार राज्य पाक्सो अर्थात लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम २०१२ के अपराध में त्वरित अन्वेषण और विचारण कराकर अपराधी को फांसी के तख्ते पर पहुचाने देने वाला पहला राज्य बन गया है और इस सज़ा के बाद बाल अधिकारों के संरक्षण के मामले में भी बिहार अग्रणी राज्य माना जाएगा .
ज्ञातव्य है कि इस मामले का अनुश्रवण राज्य विशेष किशोर पुलिस इकाई द्वारा किया गया और आई जी कमजोर वर्ग अरविंद पाण्डेय द्वारा दिनांक २७ अगस्त २०१२ को ज्ञापांक ४२५/ एस जे पी यू के तथा दूरभाष के माध्यम से दिए गए आदेश के आलोक में और इकाई के प्रभारी धर्मेन्द्र कुमार द्वारा अनुसंधानकर्ता से दूरभाष पर वार्ता के बाद लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम २०१२ की धारा ४ सहित अन्य धाराएं भी जोड़ने के लिए अनुसंधानकर्ता द्वारा न्यायालय में उसी दिन शुद्धिपत्र का आवेदन दिया गया था जिससे न्यायालय द्वारा पीड़ित के परिवार को पाक्सो नियमावली २०१२ के नियम 7 के अंतर्गत प्रतिकर भी दिया जा सके.
उल्लेखनीय है कि दिनांक २४ अगस्त २०१३ को बलात्संग और ह्त्या की शिकार अल्पवयस्क बालिका के पिता द्वारा चंद्रमंडी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी जिसके आधार पर चंद्रमंडी थाना काण्ड संख्या 70/2013 दिनांक २४ अगस्त २०१३ धारा ३७६/३०२ भारतीय दंड संहिता दर्ज किया गया था.
दिनांक २७ अगस्त को आई जी कमजोर वर्ग अरविंद पाण्डेय द्वारा अनुसंधानकर्ता को दूरभाष पर पाक्सो की सुसंगत धाराएं जोड़ने की कार्रवाई का आदेश दिया गया और पुलिस अधीक्षक को भी लिखित निर्देश भेजा गया.
परिणामस्वरूप पाक्सो की धारा 4, 6, 8, एवं 10 भी इस मामले में जोड़ी गयी. पुलिस ने इस काण्ड में दिनांक ३० अगस्त २०१३ को मात्र छः दिनों में अभियुक्त के विरुद्ध आरोपपत्र समर्पित किया और न्यायालय द्वारा त्वरित विचारण करते हुए दिनांक 19 अक्टूबर २०१३ को अभियुक्त को मृत्युदंड दिया गया.
पाक्सो अधिनियम के बारे में यह जान लेना ज़रूरी है कि इसकी धारा 23 (2) द्वारा यह विधान किया गया है मीडिया द्वारा किसी भी स्थित में पीड़ित किशोर या किशोरी की पहचान प्रकट करने वाला कोई समाचार जैसे पीड़ित का नाम, उसके परिवार के किसी सदस्य का कोई परिचय, पता , विद्यालय का नाम आदि किसी भी स्थिति में प्रकाशित नहीं किये जाने का विधान है.
पुलिस महानिदेशक श्री अभयानंद ने इस काण्ड के अन्वेषक जमुई जिला बल के अवर निरीक्षक अमित कुमार को 10000=00 रुपये के नकद पुरस्कार से तथा प्रशस्ति पत्र से तथा न्यायालय में इस काण्ड की पैरवी करने वाले लोक अभियोजक को भी पुरस्कृत करने की घोषणा की है .
Aravind Pandey
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अरविन्द पाण्डेय .